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मकान मालकिन की लड़की को चोदा

हेल्लो कैसे है दोस्तों मैं आपका अभिजीत जैसा की आप ने मेरी पहली कहानी मैं पढ़ा की मैंने कैसे अपनी मकान मालकिन की चुदाई कैसे की | ये कहानी मैं जो लिख रहा हूँ | जो की मकान मालकिन की लड़की रिया की है | जैसा की मैंने बताया था की उस दिन रिया को शक हो गया था की और उस दिन की अलका भाभी की चूत चुदाई के बाद मैंने रिया की चूत कैसे मरी उसकी कहानी मैं आज आप लोंगों को बताने जा रहा हूँ जैसे की की उस दिन मैंने आप लोगों को बताया था की मेरे गीले कपडे व खड़ा लंड देख कर रिया को शक हो गया था | पर अलका भाभी और मुझे नहीं पता था की जब उस दिन हम दोनों की चुदाई के समय रिया भी वंहा थी | इसकी खबर हम दोनों को नहीं थी | जब अलका भाभी की चुदाई के बाद अलका भाभी को मैं अगली सुबह मिला तो अलका भाभी ने बताया की कल की सारी बात रिया को पता चल गयी है | मेरी तो गांड फट गयी की अब रिया की चूत चोदने का सपना अब मेरा सपना ही रह जायेगा | पर भाभी ने कहा की तुम चिंता न करो मैं रिया को समझा लूंगी | और भाभी ने बताया की रिया भी मुझको पसंद करती है | तो मैंने भी भाभी को बताया की मैं भी रिया को बहुत पसंद करता हूँ तो भाभी ने कहा की चिंता मत करो मैं तुम्हारी ये भी इच्छा पूरी करूंगी बस तुम मेरी प्यास ऐसे ही बुझाते रहना आज मैं रिया को तुम्हारे पास भेजूंगी पूरी कर लेना अपनी तमन्ना |

तब जाके मुझे कुछ आराम मिला | और मैं रिया के खयालो मैं खो गया | उसकी चिकनी चूत के बारे मैं सोंच कर ही मेरा लंड पानी छोड़ने लगता है | अगले दिन मैं अपने कमरे मैं लेटा था तभी रिया मेरे कमरे मैं आयीं और खड़े होकर मेरे लंड को देखने लगी जो की उस समय उसी के ख्यालों मैं खड़ा हुआ था | मैं रिया को अपने कमरे मैं देख कर एक दम से चौंक गया | क्यूंकि वो पहलीं बार वो मेरे कमरे मैं आयी थी | देख कर मेरा लंड पैन्ट फाड़कर बाहर आने लगा पर मैंने कंट्रोल किया और मैंने रिया से पूंछा की तुम यंहा क्या कर रही हो तो उसने बताया की उसे मम्मी और मेरे बारे मैं सब पता है | सायद अलका भाभी ने उसे सब कुछ बता दिया था | उसकी ये बात सुनकर मैं डर गया की कही वो अपने पापा से सब न बता दे पर उसने मुझ से कहा की डरने की कोई बात नहीं हैं मैं जानती हूँ की मेरे पाप मेरी मम्मी की प्यास नहीं बुझा पाते मम्मी ने मुझे बताया था | तब जाके मुझे कुछ आराम मिला और फिर मैंने उससे कहा की मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ |

तो उसने कहा की प्यार तो वो भी मुझ से करती है पर आज तक वो कह नहीं पायी | और उसने बताया की उसने भी कई बार मेरे बारे मैं सोंच कर अपनी चूत मैं ऊँगली की है | इतना सुनते ही मेरे अन्दर की वासना जाग उठी और मैंने उसे पकड़ लिया और जोर से किस करने लगा | सलवार कुरते मैं क्या गजब लग रही थी | मैंने उसे बेड पे लिटाया और उसकी गर्दन पे किस करने लगा और उसके मम्मो को मसलने लगा | धीरे – धीरे वो गरम होने लगी और वो भी मुझे जोर से किस कर रही थी जैसे की वो भी बहुत दिनों से इसी का इन्तजार कर रही हो | मैं उसे किस करते हुए उसके मम्मो को मसल रहा था और उसकी चूत मैं ऊँगली कर रहा था | उसकी चूत गीली होने लगी थी | फिर मैंने धीरे से उसका कुर्ता निकाल दिया | उसकी काली रंग की ब्रा मैं उसकी चुचियों का उभार देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था | मैंने उसकी सलवार भी निकाल फेंकी अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी मैं थी क्या कमाल लग रही थी | मुझे लग रहा था की आज मेरे बरसो की मेहनत रंग ला रही थी |

अब रिया भी बहुत गर्म हो चुकी थी | उसने मेरी पैन्ट निकाल कर फेक दी और मेरे लंड को बाहर निकाला मेरा मेरा मोटा लंड देख कर उसकी गांड फट गयी | क्यूंकि इससे पहले उसने लंड के दरसन नहीं किया था | फिर मैंने अपना लंड उसे अपने मुह मैं लेने को कहा पहले तो उसने मन किया पर मेरे बहुत कहने पर वो मान गयी | और उसने मेरा पूरा लंड अपने मुह मैं ले लिया और मजे से चूसने लगी | मुझे भी बहुत मजा आ रहा था आज मेरा वो सपना पूरा हो रहा था जो की मैं बहुत दिनों से देख रहा था | मैं उसके मुह को बराबर अपना लंड डाल के चोद रहा था और वो भी मेरा लंड चूसते हुए मजे लिए जा रही थी | मैंने थोड़ी देर तक उसको अपना लंड चूसाया फिर मेरा मन उसे चोदने का हुआ | मैंने अपना लंड उसके मुह से बाहर निकला और उसके बाद में मैंने उसकी ब्रा- पैंटी निकालकर फैंक दिया और उसको मैंने बेड पर लिटा दिया | मैंने भी अपने सारे कपडे निकाल दिए और उसके साथ बेड पर लेट गया | मैंने थोड़ी देर तक अपनी होंठो को उसकी होंठ में डाल कर चूसा | फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को अपने हाँथ में पकड़ कर फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया वो एक दम से सिहर उठी उसके आँखों मैं आंसू आ गए थे उसकी चूत से खून निकल रहा था | मेरे लंड पे भी उसकी चूत का खून लग चुका था | खून देख कर वो डर गयी और रोने लगी मैंने उसे समझाया की तुमने ये पहली बार किया है तभी ऐसा हुआ है | मैंने उसे समझाया की उसकी सील टूट चुकी है |

फिर मैं उसे किस करने लगा और और अपने लंड को बड़े ही आराम से उसकी गुलाबी चूत में डाल दिया और वो भी अब अपने मुह से बहुत तेज-तेज आह आह आहा अहः आहा ओह्ह्ह आह आह उह्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह ओह्ह्ह आह आहा आहा आहा आहा अह आहा आहा उह्नुंह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्नोह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह्ह इह्ह इह्ह इह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह उन्ह उन्ह उन्हुंह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह की सिस्कारिया निकाल रही थी | मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और नों भी अपने मुह से आह आह आहा अ आहा आह आह आह आह आह आहा आहा अ आ आ आहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह की आवाज़े निकाल रही थीं | मैं शॉट पे शॉट मरे जा रहा था और धीरे – धीरे मैंने स्पीड तेज की अब वो मेरा साथ दे रही थी सायद उसे भी मज़ा आने लगा था | मैं जोर –जोर से चोद रहा था और उसके मम्मो को मसल रहा था और उसके गुलाबी होंठों का रसपान कर रहा था | वो जोर – जोर से अहह उन्हह ओह्ह्ह अह्ह्ह आह्ह्ह आःह्ह ओह्ह्ह फक में अह्ह्ह ओंन्ह्ह अह्ह्ह चोदो मुझे और जोर से चोदो ओह्ह्ह अह्ह्ह उम्म्म अह्ह्ह फाड़ दो मेरी चूत को आज से मेरी चूत तुम्हारी |

मैं भी उसकी आवाज़े सुन कर और कामुक हो गया और मैं और जोर से धक्के लगाने लगा |वो भी गांड उठा कर मेरा साथ दे रही थी | फिर धोड़ी देर की चुदाई के बाद उसने मुझ से कहा की वो झड़ने वाली है मैंने धक्के और जोर कर दिया और वो झड गयी |पर मैं अभी कहा झड़ने वाला था मैं धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था था फिर मैं भी थोड़ी देर बाद झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुह मैं दे दिया | और वो मेरे लंड को मजे से चूसने लगी मैंने अपना सारा माल उसके मुह मैं ही निकाल दिया वो मेरा सारा माल गटक गयी | उसने मेरा लंड चूस-चूस कर फिर से खड़ा कर दिया | और मैंने फिर उसे बेड पे गिरा लिया और उसकी चूत पे अपना मुह रख दिया और उसके चूत के दानो को धीरे-धीरे सहलाने लगा और उसकी चुचियों को मसल-मसल लाल कर दिया हम दोनों एक दुसरे को बराबर किस कर रहे थे | वो फिर से गरम हो चुकी थी | और मेरा लंड तो पहले से ही उसकी चूत की गहराइयों मैं जाने के लिए तैयार था | पर मैंने पहले उसके बूब्स पे लंड रख कर उसके बूब्स की चुदाई करने लगा | और उसकी चूत मैं ऊँगली दल कर चोदने लगा | वो बहुत गरम हो चुकी थी |

उसने मुझ से कहा अभिजीत अब मुझे मत तडपाओ डाल दो अपना लंड मेरी चूत मैं वरना मैं मर जाउंगी फाड़ दो मेरी चूत को आज तक इसने किसी का लंड नहीं खाया आज मिटा दो भूख मेरी चूत की | अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के निशाने पर रखा और पूरा लंड उसकी चूत मैं घुसा दिया उसकी चूत अब भी बहुत टाईट थी | मैंने धक्के जोर किये और अब वो भी चूतड उचका कर मेरा साथ दे रही थी | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आज तक मैंने ऐसी रसीली छूट कभी नहीं चोदी थी | लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद उसने कहा मैं झड़ने वाली हूँ मैंने धक्के और तेज किये हम दोनों ही झड गए फिर हम दोनों थोड़ी देर एक दुसरे के ऊपर लेटे रहे फिर वह उठी और अपने कपडे पहन कर मुझे किस किया और मुस्कुरा कर चली गयी |

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मुझे अपने ऑफिस के टूर से कुछ दिनों के लिए जयपुर जाना था मुझे जयपुर जाने के लिए लेट हो गई थी और मुझे यह डर था कि कहीं मेरी ट्रेन छूट ना जाए। मैंने भाभी से कहा जल्दी से मेरा सामान रख दीजिए मैं बस निकलने ही वाला हूं भाभी ने कहा बस देवर जी अभी रख देती हूं। भाभी ने सामान रखा था मैं वहां से सीधा ही रेलवे स्टेशन निकल गया वह तो गनीमत रही मेरी ट्रेन छूटी नहीं थी। मैं ट्रेन में बैठा गया और अगले दिन सुबह में जयपुर पहुंचा क्योंकि मैं देर रात दिल्ली से निकला था इसलिए मैं सुबह ही जयपुर पहुंच गया था।

जब मैं जयपुर पहुंचा तो वहां पर मैंने अपना होटल ढूंढा मेरा होटल रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर ही था मैं कुछ दिनों तक जयपुर में ही रुकने वाला था। जब मैं जयपुर से वापस लौटा तो उस दिन में दोपहर के वक्त जयपुर से दिल्ली पहुंच गया था क्योंकि मैं सुबह की बस से जयपुर से निकला था इसलिए दोपहर के वक्त पहुंच गया। जब मैं घर पर पहुंचा तो मेरी भाभी और उनके साथ एक महिला और थी मुझे नहीं मालूम कि वह कौन थी लेकिन जब भाभी ने मेरा उनसे परिचय करवाया तो मुझे मालूम पड़ा कि वह भाभी की सहेली हैं। वह दिल्ली में ही जॉब करने लगी हैं उनका नाम मनीषा है। भाभी ने मुझे कहा कुलदीप हमारे साथ ही बैठ जाओ मैं भी उन लोगों के साथ बैठ गया लेकिन मेरी नजर सिर्फ मनीषा की तरफ थी। मैं सिर्फ उसके बदन को देख रहा था जब मैंने उसके बड़े और सुडौल स्तनों को देखा तो मैं उसे देखकर अपने आप पर बिल्कुल काबू नहीं कर पाया। मैंने भाभी से कहा मैं फ्रेश हो जाता हूं मैं जब बाथरूम में गया तो मैंने अपने लंड को देखा उससे पानी निकल रहा था मैंने बाथरूम में जाकर हस्तमैथुन किया। मनीषा दिखने में इतनी ज्यादा हॉट है मै उसे देखकर नहीं रह पाया और उसके बाद वह हमारे घर पर अक्सर आती रहती थी। जब भी मनीषा की मेरे साथ मुलाकात होती तो मुझे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगता मैं भी मनीषा की तारीफ कर दिया करता था जिससे कि वह भी बहुत खुश हो जाया करती थी और कहती कुलदीप आप बड़े अच्छे हैं।

वैसे कभी मेरे साथ भी आप समय बिताइए एक दिन मुझसे मनीषा ने यह बात कही तो मैंने मनीषा से कहा बिल्कुल मैं आपसे मिलने के लिए जरूर आऊंगा। मनीषा पानीपत की रहने वाली है और मैं जब उससे मिलने के लिए उसके फ्लैट में गया तो उसने अपने फ्लैट को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से रखा हुआ था उसकी हर एक चीज बिल्कुल जगह पर थी। मैंने मनीषा से कहा आपने तो अपने फ्लैट को बहुत ही अच्छे से रखा है। मनीषा मुझे कहने लगी मुझे साफ सफाई का बहुत शौक है मुझे गंदगी बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मैं मनीषा से कहा यह तो बहुत अच्छी बात है कि आपको गंदगी बिल्कुल भी पसंद नहीं है हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और बात करने लगे। मनीषा ने मुझसे पूछा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड भी है मैंने उसे कहा नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है लेकिन मनीषा मेरी फीलिंग को समझ चुकी थी। वह मुझसे जानना चाहती थी क्या मेरे दिल में उसके लिए कुछ है मैंने मनीषा से कहा नहीं मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है एक गर्लफ्रेंड पहले थी लेकिन अब उससे मेरा कोई संपर्क नहीं है। मनीषा कहने लगी चलो कोई बात नहीं मैंने मनीषा से पूछा आपका भी तो कोई बॉयफ्रेंड होगा। वह कहने लगी हां मेरा एक बॉयफ्रेंड था लेकिन अब मैंने उससे दूरी बना ली है मैं उसके साथ नहीं रहना चाहती पहले हम दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन उसके गुस्से की वजह से मुझे लगा मुझे उसे छोड़ देना चाहिए और मैंने उसे छोड़ना ही बेहतर समझा। वह अब भी मुझे फोन करता है लेकिन मैं उसके फोन को उठाती ही नहीं हूं और यही वजह है कि मैं दिल्ली जॉब करने के लिए आई नहीं तो वह मुझे बहुत परेशान करने लगा था। मैंने मनीषा से कहा आप बहुत अच्छी हैं आप बड़ी शालीनता से बात करती हैं वह आपको इतना ज्यादा परेशान किया करता था। मनीषा मुझसे कहने लगी बस मैं तुम्हें क्या बताऊं उसने तो मेरा जीना भी मुश्किल कर दिया था और मैं उससे बहुत ज्यादा परेशान रहने लगी थी लेकिन अब मैं बहुत खुश हूं जब से मैं दिल्ली आई हूं तब से मैं अपने काम में ही व्यस्त रहती हूं और अपने लिए मुझे कम समय मिल पाता है जिसकी वजह से मैं बहुत खुश हूं। मैंने मनीषा से कहा मैं आपसे एक बात पूछूं आपको बुरा तो नहीं लगेगा।

वह मुझे कहने लगी हां पूछो ना मैंने मनीषा की जांघ पर हाथ रखते हुए कहा मैं आपको कैसा लगता हूं तो वह कहने लगी तुम मुझे अच्छे लगते हो। मैंने मनीषा से कहा क्या मैं तुम्हें सिर्फ अच्छा लगता हूं तुमने कभी मेरे बारे में नहीं सोचा? मनीषा कहने लगी नहीं ऐसा नहीं है मैंने तुम्हारे बारे में काफी सोचा तुम बहुत अच्छे हो और मुझे तुम अच्छे लगते हो। हम दोनों बात कर ही रहे थे कि मेरा हाथ मनीषा के स्तनों की तरफ गया मेरे हाथो पर जैसे ही मनीषा के स्तनों को स्पर्श हुआ तो वह मेरी तरफ देखने लगी मैंने अपने हाथों को पीछे कर लिया और मनीषा से कहा मैं अभी चलता हूं। वह मुझे कहने लगी तुम कहां जा रहे हो अभी यहीं रुको ना लेकिन मैं वहां से चला आया मुझे उस वक्त यह ध्यान आया कि मनीषा मेरी भाभी की सहेली है और कहीं मनीषा ने भाभी से यह सब कह दिया इसलिए मैं वहां से वापस चला आया। मुझे क्या मालूम था मुझसे ज्यादा तो मनीषा के दिल मे आग लगी हुई है और वह मेरे लिए इतना ज्यादा तड़प रही है कि वह मुझसे कुछ दिनों बाद ही मिलने को बेताब हो जाएगी। जब वह मुझसे मिली तो मनीषा ने मेरे हाथ पर अपने हाथ को रखा और कहने लगी तुम उस दिन बहुत जल्दी में चले गए। मैंने मनीषा से कहा हां बस मुझे देर हो रही थी तो मैंने सोचा मैं चला जाता हूं इसलिए मैं चला आया। मनीषा मुझसे कहने लगी लेकिन मैं तो सोच रही थी कि तुम थोड़ी देर और रुकोगे।

हम दोनों बात कर रहे थे मनीषा ने मेरी छाती पर हाथ रखा तो मेरा लंड भी तन कर खड़ा हो चुका था और हम दोनों के शरीर से गर्मी बाहर निकलने लगी थी। तभी ना जाने कहां से मेरी भाभी आ गई जब वह आई तो भाभी ने मुझसे कहा तुम्हारे भैया भी आने वाले थे क्या अभी तक वह नहीं आए? उस दिन भी मेरे हाथ से मौका छूट गया और मैं मनीषा के साथ वह सब कुछ नहीं कर पाया जो मुझे करना था मैंने भाभी से कहा नहीं भैया तो अभी नहीं आए हैं। भाभी ने मनीषा से कहा तुम कब आई? मनीषा कहने लगी बस अभी कुछ देर पहले ही आई थी। मैं मनीषा की तरफ देखता ही रह गया लेकिन उस समय मै उसके साथ कुछ ना कर सका और मैं इस बात के लिए तडपने लगा। उस रात मनीषा ने मुझे फोन किया और उसने मेरे अंदर की आग जला दी उस रात हम दोनों के बीच काफी गरमा गरम बात हुई और मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रहा था। मनीषा के दिल में आग लगी हुई थी और मैं उसकी आग को बुझाना चाहता था, मनीषा मुझसे कहने लगी तुम मेरे पास आ जाओ ना। मैंने भी सोचा कि मैं मनीषा के पास चला जाता हूं और मैं मनीषा के पास चला गया जब मैं मनीषा के पास गया तो मनीषा तैयार होकर बैठी थी। उसने दरवाजा खोलो और मुझे कहां कुलदीप मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी उसने अपने बालों को खोला हुआ था और हम दोनो जब एक ही बिस्तर पर बैठे तो वह मेरी बाहों में आने लगी। जब वह मेरी गोद में आई तो मेरा लंड खड़ा होने लगा मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे मनीषा ने अपने हाथों में लिया और कहने लगी आज तो मजा आ गया कसम से इतने समय बाद किसी के लंड को देखा है।

उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया और उसको चूसने लगी मुझे भी मजा आने लगा था मेरे लंड से पानी निकलने लगा और मैं जो चाहता था वह मुझे मिल चुका था। मैंने भी मनीषा के बदन से एक एक कर के उसके कपड़ों को उतारना शुरू किया जब मैंने उसके बदन से पूरे कपड़े उतार कर उसके बडे और सुडौल स्तन देखे तो में बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगा और मुझे बहुत मजा आने लगा। मेरे अंदर इतना जोश बढ़ चुका था कि मैं उसके स्तनों को चूसने लगा उसके स्तनों से मैंने दूध भी निकाल कर रख दिया। वह मुझे कहने लगी कल रात को तो तुमने मुझे तड़पा दिया था और मैं बहुत ज्यादा तड़प रही थी लेकिन आज तुम मुझे ना तड़पाओ और मेरी इच्छा को पूरा कर दो। मैंने जैसे ही अपने लंड को मनीषा की योनि पर सटाया तो उसकी योनि से गिला पदार्थ बाहर निकल रहा था। वह मुझे कहने लगी तुम अपने लंड को मेरी योनि मे डाल दो मैंने उसे कहा लेकिन यह सही नहीं है मैं कंडोम तो पहन लूं। वह कहने लगी कोई बात नहीं तुम ऐसे ही डाल दो ना मुझसे अब नहीं रहा जा रहा है।

मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल ही दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और वह चिल्लाने लगी मुझे उसे धक्के मारने में बहुत मजा आ रहा था और मैं उसे तेज गति से धक्के दिए जा रहा था। काफी देर तक मैंने उसे धक्के दिए जिससे कि अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढ़ने लगी और वह भी मेरे लिए तड़पने लगी। जैसे ही मैं उसे धक्के दिए जाता तो वह मेरा पूरा साथ देती और कहती मुझे आज तुमने मेरे बॉयफ्रेंड की याद दिला दी वह भी मुझे ऐसे ही पेला करता था लेकिन तुम मुझे घोड़ी बनाकर चोदो। मैंने उसे घोड़े बनाया और उसके बाद मैंने उसे जो धक्के दिए उससे तो उसकी चूतड़ का रंग लाल हो गया था और उसकी चूतडो का भोसड़ा बन चुका था लेकिन फिर भी उसकी इच्छा नहीं भर रही थी और काफी देर बाद हम दोनों की इच्छा भरी तो मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि में ही गिरा दिया और उसकी आग मे अपना पानी डाल दिया।

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